सोमवार, 15 अप्रैल 2013

झालावाड़ नरेश स्‍व0 राजेंद्र सिंहजी 'सुधाकर'

कवि महाराव राजेंद्र सिंह जी 'सुधाकर', झालावाड़
http://members.iinet.net.au/~royalty/ips/j/jhalawar.html
1-
मंदिर और मस्जिद को एक कर मानो सदा,
भेदभाव भरे शब्‍द जीभ पै भी लाओ ना।
चारों वर्ण वालों को न जौ लौं एक कर पाओ
भारत सपूतों तौ नों चित्‍त चैन पाओ ना।
कन्‍धे से भिड़ा कर कन्‍धा, रहो सुख दुख माँ‍हि
जौ लों विश्‍व बीच सीस ऊँचा कर पाओ ना
हथेली पै सीस लिए फि‍रना है देश काज
'सुधाकर' प्‍यारे वीरों-सौ बीड़ा उठाओ ना।
2-
विद्या, बल, बुद्धि सब देश हित में ही लगे,
'सुधाकर' प्रेम हो द्वेश का न लेश हो ।
भारत के हित में ही तन्‍मय हों वृत्ति सारी,
मंत्रों से स्‍वतंत्रता के गूँजता स्‍वदेश हो।।

डॉ0 नरेंद्र चतुर्वेदी कृत 'हाड़ौती अंचल की हिन्‍दी काव्‍य परम्‍परा और विकास' से साभार।

1 टिप्पणी:

डा. रघुनाथ मिश्र् ने कहा…

प्रेरक प्रस्तुति.
डा. रघुनाथ मिश्र्