सान्निध्य दर्पण
यादों के झरोखों से
शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017
सान्निध्य: जाते जाते साल कह रहा (गीतिका)
सान्निध्य: जाते जाते साल कह रहा (गीतिका)
: छंद- लावणी- शिल्प विधान- मात्रा भार- 30. 16, 14 पर यति अंत 3 गुरु वाचिक. पदांत- मुझसे समांत- आया जाते-जाते साल कह रहा , सोचो...
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