मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

सुरेश चंद्र निगम, झालावाड़

फूल पौध की पहचान है
फूल परिवेश का सम्‍मान है
फूल पूर्णता का बढ़ता चरण ।।

फूल भावी बीज का अरमान है
फूल है हृदय की कोमलता
फूल है जीवन की सरसता
फूल निर्मल मन का आभूषण ।।

फूल निष्‍काम कर्म की सफलता
फूल आराध्‍य की आराधना
फूल पावन प्रेम की उपासना
फूल सौभाग्‍य का सुखद वरण ।।

फूल सत्‍कार की सद्भावना
फूल विदाई की शुभकामना
फूल जीत की बाधावना
फूल सर्वस्‍व का समर्पण ।।

फूल प्रफुल्‍ल भोर सुहावना
फूल से सुरभित होता जग सारा
फूल है प्रीति का मीत प्‍यारा
फूल उपवन का है अलंकरण ।।

फूल शहीद पथ की शान है
फूल बलिदानी की आन है
फूल तो उत्‍सर्ग का आह्वान है
फूल सदा वीरगति की शरण ।।

दृष्टिकोण प्रवेशांक से साभार

1 टिप्पणी:

डा.रघुनाथ मिश्र् ने कहा…

फूल पर आधारित रचना जो सकारत्मक सन्देश देती प्रतीत होती है.बधाई.
डा. रघुनाथ मिश्र्