गुरुवार, 13 सितंबर 2012

रामेश्‍वर शर्मा

10-09-2012 को काव्‍यगोष्‍ठी में  साज़ जबलपुरी, नेहपाल वर्मा, आचार्य भगवत दुबे, डा0 नलिन और आगे रामेश्‍वर शर्मा
रामेश्‍वर शर्मा (रम्‍मू भैया)

वानप्रस्‍थी हूँ अभी संन्‍यास बाकी है
देखना भीतर मुझे मधुमास बाकी है
मत करो मेरी उड़ानों का अभी से आँकलन,
सौ गुना भीतर बड़ा आकाश बाक़ी है
हर तिथि, त्‍योहार के व्रतवास ढेरों कर लिए
श्रीचरण की आखिरी अरदास बाकी है
शंख घंटा आरती झालर सभी तो हो गये
पूर्णिमा की रोशनी में रास बाकी है
चीर कर हर चीर को आये तो कैसे वह भला
प्रह्लाद सा होना अभी विश्‍वास बाकी है
धाम चारों घूम कर भी चैन रामू को नहीं 
होना अभी तनवास का वनवास बाकी है

1 टिप्पणी:

जन कवि डा. रघुनाथ मिश्र ने कहा…

वरिष्ट कवि रामेश्वर शर्मा उर्फ रम्मू भैया की रचनाएं प्रभावित करती हैं.'विश्वास बाकी है' श्रेष्ट रचना प्रस्तुति के लिए बधाई.
जन कवि डा. रघुनाथ मिश्र