बुधवार, 19 सितंबर 2012

गयास फाईज़

मासूमों का खून बहाया नाहक दहशतगर्दों ने
दिल की अपनी प्‍यास बुझाई आतंकी नामर्दों ने
कितने हैं मुस्‍तैद मुहाफि‍ज़ काबीना सरकारों के
सच्‍चाई को उगल दिया है आज पुरानी फर्दों ने
किसने रची है इस साजिश को इसमें किसका हाथ रहा
राज़ छुपाए रखा है शायद चंद सियासी पर्दों ने
ढेरों जानें गई हैं, लेकिन प्‍यार मोहब्‍बत ज़िन्‍दा है
दुनिया को पैग़ाम दिया है भारतवासी मर्दों ने
देख के जिनको हैवानों की काँप उठी है रूहें भी
'फाईज़’ ऐसा काम किया है अमन के दुश्‍मन बेदर्दों ने

1 टिप्पणी:

jan kavi dr. raghunth misra ने कहा…

shresht rachna ke liye dr. faiz ko hardik badhai.
jan kavi dr. raghunath misra