सोमवार, 3 जून 2013

गोपाल कृष्‍ण भट्ट 'आकुल', कोटा

नीम 

नवल बधाई 

आया संवत्‍सर
वृक्षों ने ली अँगड़ाई।
नवल कोंपले नीम की
मिश्री संग खाई।
नवल बधाई।

दशकुलवृक्ष कुटुम्‍ब के
तुम विटप प्रमाण
नख से शिर तक
रोग निवारक रक्षक त्राण
ॠषि मुनि संत शास्‍त्रों ने
है महिमा गाई।
नीम 
नवल बधाई।

पुष्‍प गुच्‍छ सुगंधित
मधुमय फल खिरनी से
मधुकर के अनुगुंजन
उच्‍छृंखल हिरनी से
वृक्षावलि से हरियाली
पथ पथ पर छाई।
नवल बधाई।

नीम तुम्‍हारा है अस्तित्‍व
युगों युगों से
मानवता के तुम सहयोगी
युगों युगों से
पर्यावरण मित्र
तुम्‍हारा संग सुखदाई।
नवल बधाई।

31 मई को 'नवगीत की पाठशाला' में प्रकाशित हुआ। चित्र में 'नीम', शीर्षक 'नवल बधाई' और 'नवगीत की पाठशाला' पर क्लिक करें और विस्‍तार से जानकारी पायें।  

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